बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Mon, 09 Nov 2020 12:42 PM IST
15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट
– फोटो : twitter: @15thFinCom
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प्रधानमंत्री की भी सौंपी जाएगी कॉपी
पहले इस संदर्भ में एक वक्तव्य में कहा गया था कि, ‘वित्त आयोग ने राष्ट्रपति से रिपोर्ट सौंपने के लिए समय मांगा है। राष्ट्रपति के कार्यालय ने यह संदेश दिया है कि रिपोर्ट सौंपने का काम नौ नवंबर 2020 को होगा।’ आयोग अपनी रिपोर्ट की एक कॉपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी सौंपेगा।
संसद में पेश होगी रिपोर्ट
रिपोर्ट में 2021 से 26 के लिए आयोग की सिफारिशें होंगी। इस रिपोर्ट को वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किया जाएगा। रिपोर्ट के साथ सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों की कार्रवाई रिपोर्ट भी शामिल होगी। वक्तव्य में कहा गया है कि, ‘आयोग ने केंद्र और राज्य सरकारों, विभिन्न स्थानीय निकायों, पिछले वित्त आयोग के सदस्यों और चेयरमैन, आयोग की सलाहकार परिषद तथा विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और प्रमुख बहुपक्षीय संस्थानों के साथ व्यापक विचार विमर्श के बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया।’
मौजूदा समय में जब संसाधनों का आधार महामारी के कारण सिकुड़ता जा रहा है, जिससे सरकारी व्यय भी बढ़ा है, राजस्व में कटौती हुई है, सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि 15वें वित्त आयोग की रिपोर्ट करों में कितना हिस्सा राज्यों के लिए सुझाएगी। इससे पहले 14वें वित्त आयोग ने राज्यों की हिस्सेदारी को 10 फीसदी बढ़ाकर 42 फीसदी करने की सिफारिश की थी।
2020-21 के लिए अंतरिम रिपोर्ट में जम्मू और कश्मीर व लद्दाख के नए केंद्र शासित प्रदेशों के निर्माण के कारण राज्यों का हिस्सा 41 फीसदी तक कट गया था। सिकुड़ते आधार के मद्देनजर राज्यों को पूर्ण शर्तों में क्या मिलेगा, यह उनकी फीसदी हिस्सेदारी से अधिक मायने रखेगा।
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