न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Updated Thu, 12 Nov 2020 11:38 AM IST
Table of Contents
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ख़बर सुनें
महीनों से नाराज हैं दो मंत्री
सवाल उठ रहा है कि बाकी दो मंत्री शुभेंदु अधिकारी और राजीव बनर्जी बैठक में क्यों नहीं मौजूद रहे। बताया गया है कि मंत्री शुभेंदु अधिकारी कई माह से तृणमूल पार्टी से नाराज चल रहे हैं। वहीं, राजीव बनर्जी को शुभेंदु का करीबी माना जाता है। हालांकि इन दोनों नेताओं ने बैठक में भाग नहीं लेने को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। दूसरी तरफ, राजनीतिक गलियारों में इस बात की सुगबुगाहट हो रही है कि क्या दोनों ही नेता ममता सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले हैं।
शुभेंदु अधिकारी को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है।
न तृणमूल का झंडा, न ममता का नाम
दरअसल, अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव है। ऐसे में राज्य में धीरे-धीरे ही सही लेकिन राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई है। शुभेंदु अधिकारी अपनी सभाओं में ना तो ममता बनर्जी का नाम ले रहे हैं और ना ही पार्टी का झंडा उनके जुलूस में नजर आ रहा है। मंगलवार को शुभेंदु ने नंदीग्राम में एक सभा की और कहा कि उन्हें 13 साल बाद नंदीग्राम याद आया है। अपनी रैली के दौरान शुभेंदु ने मंच से भारत माता जिंदाबाद के नारे भी लगवाए।
मनाने में जुटे ममता के भतीजे
उधर, सीएम ममता के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने हाल के दिनों में मंत्री राजीव बनर्जी, अरूप रॉय और लक्ष्मी रतन शुक्ला के साथ एक बैठक की थी। इस बैठक का उद्देश्य नाराज नेताओं को मनाना था।
ऐसे में जब बुधवार को कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई और उसमें राजीव बनर्जी शामिल नहीं हुए तो सवाल उठाना लाजमी है। माना जा रहा है कि पार्टी के कई पुराने नेता इस समय पार्टी के नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं। राज्य में गुटबाजी की खबरें भी सामने आ रही हैं।
.