न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर
Updated Thu, 12 Nov 2020 01:24 PM IST
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मध्यप्रदेश के विवादित नामदेव दास त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा को अभी जेल से राहत मिलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इंदौर जिले के अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) राजेश राठौर ने बाबा का जमानत आवेदन निरस्त कर दिया है।
अब वह जिला कोर्ट में जमानत आवेदन दायर कर सकते हैं
बता दें कि इंदौर के समीप जंबूर्डी हप्सी गांव में सरकारी जमीन पर अवैध आश्रम निर्माण के आरोप में कंप्यूटर बाबा आठ नवंबर से जेल में बंद हैं। इसी दिन जिला प्रशासन ने उनके अवैध निर्माण और आश्रम पर बुलडोजर चला दिया था और कंप्यूटर बाबा को गिरफ्तार किया था। प्रशासन ने उनके आश्रम और अन्य स्थानों से अतिक्रमण हटा दिया है।
दिग्विजय ने की थी गिरफ्तारी की निंदा
कंप्यूटर बाबा की गिरफ्तारी की कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कड़ी निंदा की थी और इसे बदले की कार्रवाई बताया था। बता दें कि कंप्यूटर बाबा को कमलनाथ सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। इससे पहले शिवराज सरकार में भी उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा मिला हुआ था, लेकिन कमलनाथ सरकार बनने पर कंप्यूटर बाबा ने भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ पकड़ लिया था। लोकसभा चुनाव के दौरान कंप्यूटर बाबा ने भोपाल से दिग्विजय सिंह की जीत के लिए मिर्ची यज्ञ भी किया था, हालांकि सिंह भाजपा की साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से चुनाव हार गए थे।
मध्यप्रदेश के विवादित नामदेव दास त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा को अभी जेल से राहत मिलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इंदौर जिले के अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) राजेश राठौर ने बाबा का जमानत आवेदन निरस्त कर दिया है।
अब वह जिला कोर्ट में जमानत आवेदन दायर कर सकते हैं
बता दें कि इंदौर के समीप जंबूर्डी हप्सी गांव में सरकारी जमीन पर अवैध आश्रम निर्माण के आरोप में कंप्यूटर बाबा आठ नवंबर से जेल में बंद हैं। इसी दिन जिला प्रशासन ने उनके अवैध निर्माण और आश्रम पर बुलडोजर चला दिया था और कंप्यूटर बाबा को गिरफ्तार किया था। प्रशासन ने उनके आश्रम और अन्य स्थानों से अतिक्रमण हटा दिया है।
दिग्विजय ने की थी गिरफ्तारी की निंदा
कंप्यूटर बाबा की गिरफ्तारी की कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कड़ी निंदा की थी और इसे बदले की कार्रवाई बताया था। बता दें कि कंप्यूटर बाबा को कमलनाथ सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। इससे पहले शिवराज सरकार में भी उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा मिला हुआ था, लेकिन कमलनाथ सरकार बनने पर कंप्यूटर बाबा ने भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ पकड़ लिया था। लोकसभा चुनाव के दौरान कंप्यूटर बाबा ने भोपाल से दिग्विजय सिंह की जीत के लिए मिर्ची यज्ञ भी किया था, हालांकि सिंह भाजपा की साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से चुनाव हार गए थे।
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